लेकिन तुम चुप रहे !!
पहले उन्होने कश्मीरी हिन्दू को मारा! लेकिन तुम चुप रहे !!क्योंकि तुम कश्मीरी हिन्दू नहीँ थे !!!
फिर भी इन्होंने मेवात के हिंदुओं को मारा तुम चुप रहे,,फिर इन्होंने बंगाल के हिंदुओं को मारा फिर भी तुम चुप रहे,,
फिर उन्होनेँ सिक्खोँ पर अत्याचार किये तब भी तुम चुप रहे
और फिर वो तुम्हारे शहर मेँ कत्लेआम करने लगे फिर भी तुम चुप ही रहे !!
क्योंकि वो तुम्हारे मोहल्ले मेँ नहीं आये थे और जब उन्होने तुम्हारे पड़ोसी की बेटी की आबरू लूटी तब भी तुमने कुछ नहीँ किया क्योँकी वो तुम्हारी बेटी नहीँ थी।।
अँत मेँ जब वो तुम्हारे घर का दरवाजा तोड़ने लगे और तुम चिल्लाने लगे मदद के लिए लेकिन तब तक कोई बचा ही नहीं था आने के लिए अन्याय एक जहरीले साँप कि तरह हैँ।
इसलिए इसे देखते ही कुचल डालो अभी भी समय है मेरे दोस्त ! जाति और क्षेत्रवाद के दायरे से बाहर आ जाओ
यदि मिलकर लड़ोगे तो ये अन्याय मिट जायेगा नहीँ तो शैतान कि चक्की मेँ, घुन कि तरह सब कुछ पिस जायेगा
वन्दे मातरम जय श्री राम
राज कुमार जिन्दल ,चिंतक