भगवान कृष्ण ने ज्ञान कर्म योग से अधिक भक्ति पर जोर दिया क्यूँ कि जीवन प्रेम क्रिडा-लीला है : स्वामी देवेंद्रानन्द जी महाराज ।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं बधाई स्वामी देवेंद्रानन्द जी महाराज
।।कर्म योगी ।।
(सुखे दुःखे समे कृत्वा लाभालाभौ जयाजयौ-गीता)
सुख -दुःख, हानि -लाभ, जय -पराजय में सदा मुस्कुराता है ।।
मान -अपमान, फूल -काटों भरे द्वन्द्व में भी सम रह जाता है ।।
सर्दी -गरमी, प्रिय -अप्रिय विभाजन चुनाव रहीत हो रहता है ।।
जो चिन्ता -तनाव -चाह आकांक्षा हीन शान्त सत्य आत्मनिष्ठ ही कर्मयोगी कहलाता है ।।
सृष्टि स्रष्टा की समस्त क्रिया आपस में विरोधी नही ये मात्र क्रिडा-लीला है
सृष्टि सम्पूर्ण ईश्वर का खेल है उसमें सृष्ट
आपका जीवन भी मात्र क्रिडा-लीला है
हम कर्तृत्व अभिमान से सही-गलत विचारधारा मे
गंभीर होते तब रसपूर्ण जीवन खोतेजो क्रिडा-लीला है।।
हमारी ही उलझने से जीवन समस्या बन कर्म संचित बनते,
अन्यथा कर्म ही योग भक्ति मुक्तिदायी होते,कर्म क्रिडा-लीला है।।
भगवान कृष्ण ने ज्ञान कर्म योग से अधिक भक्ति
पर जोर दिया क्यूँ कि जीवन प्रेम क्रिडा-लीला है ।।