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नरेंद्र मोदी और इंदिरा गांधी की तुलना पर क्या बोलीं कंगना रनौत?

  • कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी जल्द ही सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। फिल्म की रिलीज से पहले कंगना पूरी तरह प्रमोशन में व्यस्त हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू कंगना से पूछा गया कि क्या वो अब भी नरेंद्र मोदी को सबसे शक्तिशाली प्रधानमंत्री मानती हैं? आइए जानें क्या बोलीं कंगना रनौत।

कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी का दर्शकों से बेसब्री से इंतजार है। फिल्म 06 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। इस फिल्म में कंगना रनौत भारती की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का किरदार निभाती नजर आएंगी। कंगना के फैंस उन्हें इंदिरा के किरदार में देखने के लिए उत्सुक हैं। वहीं, कंगना भी लगातार फिल्म के प्रमोशन के चलते अलग-अलग इंटरव्यू का हिस्सा बन रही हैं। ऐसे ही एक इंटरव्यू में कंगना से इंदिरा गांधी और प्रधानमंत्री को लेकर सवाल हुआ।

नरेंद्र मोदी और इंदिरा गांधी की तुलना पर क्या बोलीं कंगना रनौत?

 एक इंटरव्यू में कंगना रनौत से पूछा गया कि आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश का सबसे शक्तिशाली प्रधानमंत्री मानती हैं, लेकिन क्या फिल्म में इंदिरा गांधी के दौर को जीने के बाद भी वो ऐसा ही मानती हैं, क्योंकि कांग्रेस कहती है कि इंदिरा गांधी देश की सबसे शक्तिशाली प्रधानमंत्री थीं क्योंकि पाकिस्तान के दो तुकड़े तो उन्होंने किए थे? इस पर कंगना ने कहा कि क्योंकि आप किसी की तारीफ करते हैं, किसी को सम्मान देते हैं तो इसका मतलब ये नहीं कि आप किसी का अपमान कर रहे हैं। वो वक्त अलग था, वो दौर अलग था।

मिसेज गांधी को अमेरिकन राष्ट्रपति ने बाहर खड़ा रखा’

कंगना ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, “70s में एक गैस का कनेक्शन लगने में छह महीने लगते थे। हमारी फिल्में भी दर्शाती हैं कि आम आदमी फ्रसट्रेशन से पूरा भरा हुआ था। तभी तो जन आदोलन हुआ। आज हम अलग दुनिया में हैं। आज भारत जो है तीसरी अर्थव्यवस्था बना हुआ है। और दुनिया में आप देखिएगा, दुर्भाग्यवश, मिसेज गांधी को अमेरिकन राष्ट्रपति बाहर खड़ा रखते थे। किस तरह से बात करते थे। और आज देखिए हमारे प्रधानमंत्री को।”

कंगना बोलीं- जवाहरलाल नेहरू का अमेरिका में अच्छा स्वागत हुआ था

उन्होंने कहा, “आप किसी से कुछ ले नहीं सकते हैं। वो वक्त अलग था, वो दौर अलग था। लेकिन मेरा ये मानना जरूर ही कि अगर देश किसी परिवार के हाथ में ना जाकर, जनता के हाथ में होता तो शायद ये दौर इतना देरी से नहीं आता।” कंगना ने कहा कि जवहारलाल नेहरू का अमेरिका में अच्छा स्वागत हुआ था, इंदिरा गांधी भी वही चाहती थीं, लेकिन पाकिस्तान के साथ कूटनीति की वजह से वो हुआ नहीं।

इस घटना के बारे में बात कर रही थीं कंगना

उन्होंने कहा, “हम किसी को जज नहीं कर रहे हैं। जो हमें रिसर्च से पता चला है, हम वही बात कर रहे हैं। और अगर आप अगर सच्चे भारतीय हैं तो जिस तरह से राष्ट्रपति निक्सन ने मिसेज गांधी के साथ व्यवहार किया और उनसे मिलने के बाद उन्होंने जो उनके (इंदिरा गांधी) बारे में कहा, आपका दिल दुखेगा, आपको बहुत बुरा लगेगा।” गौरतलब है कि वर्ष 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध से पहले जब इंदिरा गांधी अमेरिका पहुंची तो तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन ने इंदिरा गांधी को मीटिंग से पहले 45 मिनट तक इंतजार करवाया था।

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