‘पठान’ में मनोरंजन का मसाला

सिद्धार्थ आनंद की नई बॉलीवुड एक्शन फ़िल्म पठान के एक दृश्य में, पाकिस्तान की खुफ़िया एजेंसी आईएसआई की जासूस रुबीना मोहसिन (दीपिका पादुकोण) भारतीय खुफ़िया एजेंसी रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) के एजेंट पठान (शाहरुख़ ख़ान) से पूछती है, क्या मुस्लिम हो?

इसके जवाब में पठान कहता है कि नहीं मालूम क्योंकि वह अनाथ है और उसके माता-पिता उसे एक सिनेमा हॉल में छोड़ गए थे.

यह जवाब भले ही फ़िल्मी कहानी जैसी हो लेकिन इसके कुछ गहरे संदेश भी हैं.

दरअसल, बॉलीवुड की फ़िल्मों के लिए बॉक्स ऑफ़िस पर कमाई से बड़ा कोई धर्म नहीं है. भारतीय हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री की गिनती देश के धर्मनिरपेक्ष और रचानात्मक संस्थानों में होती है.

सिद्धार्थ आनंद की नई बॉलीवुड एक्शन फ़िल्म पठान के एक दृश्य में, पाकिस्तान की खुफ़िया एजेंसी आईएसआई की जासूस रुबीना मोहसिन (दीपिका पादुकोण) भारतीय खुफ़िया एजेंसी रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) के एजेंट पठान (शाहरुख़ ख़ान) से पूछती है, क्या मुस्लिम हो?

इसके जवाब में पठान कहता है कि नहीं मालूम क्योंकि वह अनाथ है और उसके माता-पिता उसे एक सिनेमा हॉल में छोड़ गए थे.

यह जवाब भले ही फ़िल्मी कहानी जैसी हो लेकिन इसके कुछ गहरे संदेश भी हैं.

दरअसल, बॉलीवुड की फ़िल्मों के लिए बॉक्स ऑफ़िस पर कमाई से बड़ा कोई धर्म नहीं है. भारतीय हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री की गिनती देश के धर्मनिरपेक्ष और रचानात्मक संस्थानों में होती है.

चार साल बाद वापसी

बहरहाल पठान फ़िल्म का यह छोटा दृश्य में फ़िल्म इंडस्ट्री में सर्वधर्म समभाव वाले समावेशी भाव की वापसी की याद दिलाता है और यह अपील खुद रोमांस के बादशाह शाहरुख़ ख़ान करते नज़र आते हैं.

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